मानसिक तनाव का कारण- मेरे प्यारे भाइयों और बहनों को आज यह तकलीफ हर जगह मिल जाती है, कभी किसी को खुश करने के कारण मे मानसिक तनाव ले बैठते हैं तो कभी किसी से खुशी पाने के कारण मानसिक तनाव ले लेते हैं, लेकिन ऐसा होता क्यों है, क्यो किसी से उम्मीद रख लेते हैं और क्यों अपने दायरे यानि हद मे रहकर काम नहीं करते हैं, इसके लिए बहुत हद तक हमारे ग्रह और घर मे रखी हुई चीजें जिम्मेदार होती है, जैसे यदि पूर्व दिशा मे मिक्सी रखी होगी तो समाज मे सभी के साथ चिक-चिक होगी आए दिन किसी न किसी विवाद मे उलझे रहेंगे, और यदि वॉशिंग मशीन रख दी तो समाज से संबंध खत्म होने लगेंगे, फिर यह तो संबंध होते हैं, फिर मानसिक रोग तनाव का कारण घर की नॉर्थ-ईस्ट दिशा भी जिम्मेदार हो सकती है, यदि इस दिशा मे स्टोर बना हुआ है, मिक्सी राखी होगी तो हमेशा दिमाग मे तकलीफ चलेगी, और वॉशिंग मशीन रखी होगी तो विचारों मे स्पष्टता के चक्कर मे या और बेहतर करने के चक्कर मे सब कुछ खत्म हो जाएगा। Depression
अब आइए जन्म कुंडली के आधार पर भी ग्रहों को जान लेते हैं । गुरु वीरेंद्र शुक्ला जी से फ्री मिलें…
जब भी जन्मकुंडली मे चन्द्र देव- शनि, राहू या केतू के साथ मिलकर बैठे हों या फिर चन्द्र देव किसी खराब घर मे बैठ गए हों तो भी जातक मानसिक ह्रास कर देते हैं, जातक अंदर से अंदर से घुटने लगता है, ऐसा जातक पहले तो लोगों के साथ बहुत अच्छे कार्य बदले की भावना से कर बैठता है उसके बाद जब उसको बदले मे मदद नहीं मिलती है तो वो अंदर से तनाव महसूस करने लगता है, और फिर बाद मे अपने कर्म विचारों के माध्यम से खराब करने लगता है। चंद्र और शनि साथ बैठे हों तो जातक बहुत कड़वी बात बोलकर सामने वाले का मन दुख देता है, फिर बाद मे शनि के फल स्वरूप उस जातक को अकेलापन बिताना पड़ता है, या फिर मानसिक मदद किसी से नहीं मिलती है, यदि चन्द्र केतू का योग है तो दूसरों के प्रति अपने मन मे किसी प्रकार के बुरे विचार पैदा करके बैठ जाता है, और नतीजा सेहत मे खराबी होती जाती है, यदि चंद्र देव के साथ राहू बैठे हों तो वाणी मे आत्मविशवास नहीं होता है aएयर जातका बिना सोचे समझे बोलकर अपने बनते बनते काम खराब कर लेता है जिसके कारण मानसिक तनाव भी होता है और आर्थिक नुकसान भी कर लेता है और ऐसे योगों मे तो गृहस्थी का सुख भी काफी हद तक खराब परिणाम देने लगता है।
इन सभी योगों का इलाज यह है कि आप जहां भी रहते हैं वहीं पर चन्द्र ग्रहण का उपाय करें, और घर के अंदर नीचे दी गई सूची के आधार पर वास्तु के हिसाब से दिमागी रूप को प्रभावित करने वाली दिशाओं को संतुलित करें, घर की उत्तर दिशा को सबसे पहले ठीक करें।
नोट- मेरे भाइयों और बहनों- ध्यान रखें आपको जो भी उपाय दिये गए हैं उन्हे बहुत सावधानी से करें, किसी अच्छे वास्तु सलाहकार से अपना नक्शा लेकर मिलें, और इनको ठीक से समझ लें। हमे YouTube पर Subscribe करें….